Wednesday 5 August 2020

स्वतंत्रता

जीवन की स्वतंत्रता
 आज के दौर में सभी व्यक्ति स्वतंत्र होना चाहते हैं स्वतंत्रता का अधिकार सभी को होता है। 
स्वतंत्रता के अर्थ है कि आप क्या खाना-पीना, पहनना और रहना चाहते हैं। यह भी कि आप किससे विवाह करना चाहते हैं, कहां घुमना चाहते हैं और कहां प्रार्थना करना चाहते हैं। यह सभी आपकी निजता और स्वतंत्रता के हिस्से हैं। 
स्वतंत्रता का अर्थ आप किस तरह का जीवन जीना चाहते हैं उसके लिए कोई सामाजिक दबाव नहीं। आप क्या है यह जानने के लिए आपकी आत्मा पर किसी भी प्रकार का बंधन नहीं होना चाहिए।

क्या आप जानते हैं? सबसे बड़ी स्वतंत्रता है,  
इस शरीर से मोक्ष की प्राप्ति करना। 
हम पूरी तरह से तभी स्वतंत्र हो सकते हैं जब हमारा जन्म तथा मृत्यु का चक्र पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा आज हम यदि शास्त्र के अनुसार भक्ति साधन नहीं करता है तो हम 84 लाख जन्मों की कैद में है। 21 ब्रह्मांड का मालिक काल ज्योति निरंजन है जिसने हम जीवो को 84 लाख जन्मों की कैद में बांध रखा है, हम जिस स्वतंत्रता को जी रहे हैं यहां असली स्वतंत्रता नहीं है क्योंकि हमारी जन्म तथा मृत्यु बनी हुई है यह समाप्त नहीं हो रही है यदि आपको स्वतंत्रता चाहिए तो सबसे बड़ी स्वतंत्रता मोक्ष का मार्ग है सबसे बड़ी स्वतंत्रता रहा है जहां से हम आए हैं और वहां पर जाने का हमें प्रयत्न करना है हम पहले सतलोक में रहते थे जहां पर हमारी जन्म तथा मृत्यु नहीं होती थी वहां हम पूरी तरह से स्वतंत्र थे वहां हम किसी की भी कैद में नहीं थे लेकिन वहां से आने के बाद में हम पूरी तरह से 84 लाख जन्मों के कैदी बन गए हैं
हमें जन्म तथा मृत्यु से मुक्त करवाने के लिए 84 लाख जन्मों  से मुक्ति देने के लिए आज इस धरती पर तत्वदर्शी संत संत रामपाल जी महाराज आए हुए हैं जिनके द्वारा बताई गई भक्ति साधना से हमें पूरी तरह से मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है तथा हमारा जन्म मृत्यु का चक्र समाप्त हो सकता है तभी हम पूरी तरह से स्वतंत्र होंगे। 
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अधिक जानकारी के लिए देखें - 
संत रामपाल जी महाराज का अनमोल सत्संग 
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साधना टीवी पर शाम 7:30 बजे 

Wednesday 10 June 2020

Almighty God

God in Bible 

God is in Form - God is in human form, and Bible verses have proved it. God is in form, and his name is Kabir.

Proof in the Bible 

Genesis 1:26 - Then God said, "and now we will make human beings; they will be like us and resemble us. They will have power over the fish, the birds and all animals, domestic and wild, large and small."
Genesis 1: 27 - So God created human beings, making them be like himself. He created them male and female.




These verses of the Holy Bible prove that God is not Formless.
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God is not formless - VIDEO 

The Christian Trinity, which explains about Father, Son, and Holy Spirit, Jesus was the Son of God. Here are some biblical verses which prove that Jesus was the Son of God who was sent to spread the message of one God.



God is merciful and kind. Then how can he order his one son to kill another son?

Holy Bible Proof 
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1:29 - I have provided all kinds of grain and all kinds of fruit for you to eat;
1;30 - but for all the wild animals and for all the birds I have provided grass and leafy plants for food -and it was done.


Who is a supreme god? 

In all Bible translations, the word Kabir has been translated as "Mighty" or "Great" whereas Kabir is the original name of Supreme God. 

  About Supreme God, it is mentioned clearly in the Orthodox Jewish Bible, Iyov 36:5,- See, El is Kabir, and despiseth not any; He is Kabir in ko'ach lev (strength of understanding)




God is not formless. To attain God, we should take refuge of a spiritual saint. A Complete Tatvdarshi saint can lead us to salvation. Today Saint Rampal Ji Maharaj is here with the complete knowledge of Tatva, 

Must watch on sadhna TV 7.30pm 🕢 💞 

Kabir is a Almighty God. 

Wednesday 3 June 2020

DeepKnowlegde_Of_GodKabir

 कबीर परमात्मा का गहरा ज्ञान🌹
सभी धर्म के धर्मगुरुओं ने आज तक यही बताया है कि परमात्मा/रब/गॉड/अल्लाह/खुदा निराकार है, उसका केवल प्रकाश देखा जा सकता है। लेकिन सर्वप्रथम कबीर जी ने इसका खंडन करते हुए बताया कि परमात्मा/अल्लाह/गॉड साकार है, राजा के समान दर्शनीय है, सिंहासन पर बैठा है।💞 


कबीर परमेश्वर ने ही सतलोक के विषय में बताया कि ऊपर एक ऐसा लोक है जहां सर्व सुख है। वहां कोई कष्ट नहीं है। जिसकी गवाही संत गरीबदास जी ने दी है।
गरीब, संखो लहर महर की उपजै, कहर जहां न कोई।
दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।।🌼 

आज का समाज परमात्मा कबीर जी को एक सामान्य संत समझता है जबकि अपनी महिमा बताते हुए परमात्मा कबीर जी ने हमें बताया कि वही सृष्टि के रचनहार हैं और चारों युगों में आते हैं।
आज परमात्मा की सम्पूर्ण जानकारी संत रामपाल जी महाराज ही सबको बता रहे हैं। 🌼 

Tuesday 2 June 2020

Leela of God Kabir

कबीर परमात्मा की लीलाएं 💥 
600 साल पहले कबीर परमात्मा ने अनेकों लीला करके  कई जीवात्मा का उद्धार किया था। 🌼 

कबीर साहेब द्वारा सर्वानंद को शरण में लेना🌼
पंडित सर्वानंद ने अपनी माँ से कहा कि मैंने सभी ऋषियों को शास्त्रार्थ में हरा दिया है तो मेरा नाम सर्वाजीत रख दो लेकिन उनकी माँ ने सर्वानंद से कहा कि पहले आप कबीर साहेब को शास्त्रार्थ में हरा दो तब आपका नाम सर्वाजीत रख दिया जाएगा। जब सर्वानंद कबीर साहेब के पास शास्त्रार्थ करने पहुँचे तो कबीर साहेब ने कहा कि आप तो वेद-शास्त्रों के ज्ञाता हैं मैं आपसे शास्त्रार्थ नहीं कर सकता। तब सर्वानंद ने एक पत्र लिखा कि शास्त्रार्थ में सर्वानंद जीते और कबीर जी हार गए। उस पर कबीर साहेब जी से अंगूठा लगवा लिया। लेकिन जैसे ही सर्वानंद अपनी माँ के पास जाते तो अक्षर बदल कर कबीर जी जीते और पंडित सर्वानंद हार गए ये हो जाते। ये देखकर सर्वानंद आश्चर्य चकित हो गए और आखिर में हार मानकर सर्वानंद ने कबीर साहेब की शरण ग्रहण की।

मीरा बाई को शरण में लेना 🌼
मीरा बाई पहले श्री कृष्ण जी की पूजा करती थी। एक दिन संत रविदास जी तथा परमात्मा कबीर जी का सत्संग सुना तो पता चला कि श्री कृष्ण जी नाशवान हैं। समर्थ अविनाशी परमात्मा अन्य है। संत रविदास जी को गुरू बनाया। फिर अंत में कबीर जी को गुरू बनाया। तब मीरा बाई जी का सत्य भक्ति बीज का बोया गया।
गरीब, मीरां बाई पद मिली, सतगुरु पीर कबीर। 
देह छतां ल्यौ लीन है, पाया नहीं शरीर।।

द्रोपदी की लाज बचाना 🌼
एक बार द्रौपदी ने अंधे महात्मा को अपनी साड़ी के कपड़े में से टुकड़ा दिया था क्योंकि अंधे महात्मा की कोपीन पानी में बह गई थी। साधु ने आशीर्वाद अनंत चीर पाने का आशीर्वाद दिया। कबीर परमात्मा ने चीरहरण में द्रौपदी का चीर बढ़ाकर लाज बचाई।
गरीब, पीतांबर कूं पारि करि, द्रौपदी दिन्हीं लीर।

अंधे कू कोपीन कसि, धनी कबीर बधाये चीर।

इस तरह कबीर परमात्मा ने अनेकों लीलाएं की। 
कबीर साहिब ही सृष्टि रचनहार पूर्ण ब्रह्म हैं।

Monday 1 June 2020

Miracles_Of_GodKabir

कबीरपरमेश्वर_के_चमत्कार 🌼
"शिशु कबीर देव द्वारा कुँवारी गाय का दूध पीना’’
जब बालक कबीर को दूध पिलाने की कोशिश में नीरू नीमा असफल रहे। तब कबीर साहेब ने कहा कुँवारी गाय ले आओ मैं उसका दूध पीऊँगा। ऐसा ही हुआ।
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा अमर पुरुष जब लीला करता हुआ बालक रूप धारण करके स्वयं प्रकट होता है तब कुँवारी गाय अपने आप दूध देती है जिससे उस पूर्ण प्रभु की परवरिश होती है।

‘‘शिशु कबीर परमेश्वर का नामांकन"
जब कबीर साहेब का नाम रखने के लिए कुरान शरीफ पुस्तक को काज़ी ने खोला। प्रथम नाम ‘‘कबीरन्’’ लिखा था। काजियों ने सोचा इस छोटे जाति वाले का कबीर नाम रखना शोभा नहीं देगा। पुनः कुरान शरीफ खोली तो उसमें सर्व अक्षर कबीर-कबीर-कबीर-कबीर हो गए। कबीर परमेश्वर शिशु रूप में बोले मैं कबीर अल्लाह अर्थात् अल्लाहु अकबर, हूँ। मेरा नाम ‘‘कबीर’’ ही रखो।
सकल कुरान कबीर है, हरफ लिखे जो लेख।
काशी के काजी कहै, गई दीन की टेक।।
"कबीर जी द्वारा स्वामी रामानन्द के मन की बात बताना’
स्वामी रामानंद जी विष्णु जी की काल्पनिक मूर्ति बनाकर मानसिक पूजा करते थे। एक समय ठाकुर की मूर्ति पर माला डालनी भूल गए। तब कबीर परमात्मा जो कि 5 वर्ष के बालक की लीला कर रहे थे बोले कि माला की गांठ खोल कर गले में डाल दो स्वामी जी, पूजा खंडित नहीं होगी। तब रामानंद जी जो पर्दे के भीतर मन में पूजा कर रहे थे, कबीर परमात्मा को सबके सामने गले लगा लिया।
मन की पूजा तुम लखी मुकुट माल परवेश। 
गरीबदास गति कौ लखै, कौन वरण क्या भेष।।

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ऐसी-2 बहुत लीलाएँ साहेब कबीर (कविरग्नि) ने की हैं जिनसे यह स्वसिद्ध है कि ये ही पूर्ण परमात्मा हैं।

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5 June Kabir Prakat Diwas🌼


Sunday 31 May 2020

52_Cruelities_On_GodKabir 💥

*The ineffectual attempt by Sheikhtaki to get Kabir Saheb killed by goons* 

While Kabir Saheb was sleeping in a hut, the goons of Sheikhtaki broke Kabir Ji in pieces with the sword. Knowing dead they walked from their side. When they came out, Kabir Saheb called them for drinking milk. They fled in fear. Kabir Ji did not die because he is an Immortal God.

Sheikh Taki Pir to humiliate Kabir Saheb had falsely written a letter to all the ashrams in the name of Kabir Saheb for 3 days Bhandare. There will be 3 days bhandara and after every meal they will be given one 'Mohar' and one 'Dohar', all should come. Kabir Saheb had made it a 3-day bhandara and on the contrary Kabir Sahib was glorified.


Sheikh Taki has persecuted, he did fifty-two bullying

Sheikh Taki out of jeaousy conspired to kill Kabir Saheb 52 times which is called 'Bawan Kasni'. He failed each time because no one was capable to destroy the imperishable. If he were a common saint, he would have been killed. Kabir Sahib is the Absolute Brahm, Almighty God. His immortal body is of one Nuri element.

👉 Kabir is a supreme God. 🌼💞

Saturday 30 May 2020

MagharLeela_Of_GodKabir

मगहर लीला 🌼
मगहर से सशरीर सतलोक गमन कबीर परमेश्वर ने हिन्दू धर्मगुरुओं के भ्रम को तोड़ा। जो ये कहा करते थे कि जो मगहर में मरता है वह गधा बनता है और काशी में मरने वाला स्वर्ग जाता है। इस भ्रम निवारण के लिए कबीर साहिब जी ने मगहर से सशरीर सतलोक गमन किया और उनके शरीर के स्थान पर चादर पर सुगंधित फूल पाए गए।
तहां वहां चादरि फूल बिछाये, सिज्या छांडी पदहि समाये।
दो चादर दहूं दीन उठावैं, ताके मध्य कबीर न पावैं।।

हिन्दू व मुसलमानों के बीच धार्मिक सामंजस्य और भाईचारे की जो विरासत कबीर परमात्मा छोड़कर गए हैं उसे मगहर में आज भी जीवंत रूप में देखा जा सकता है।
मगहर में जहाँ कबीर परमेश्वर जी सशरीर सतलोक गए थे, वहां हिंदू-मुसलमानों के मंदिर और मजार 100-100 फुट की दूरी पर बने हुए हैं।
"कबीर, विहंसी कहयो तब तीनसै, मजार करो संभार।
हिन्दू तुरक नहीं हो, ऐसा वचन हमार।"


परमात्मा कबीर जी चार दाग से न्यारे हैं!🌼🌻
चदरि फूल बिछाये सतगुरु, देखें सकल जिहाना हो । च्यारि दाग से रहत जुलहदी, अविगत अलख अमाना हो।। 🌼 

राम और अल्लाह एक ही हैं!🌹
600 साल पहले कबीर साहेब ने मगहर में शरीर छोड़ने से पहले सभी लोगो को अपना ज्ञान समझाते हुए कहा कि राम और अल्लाह एक ही हैं सभी धर्मों के लोग एक परमपिता की संतान है।



Friday 29 May 2020

💞GodKabir_Comes_In_4_Yugas🔥

Purna Parmatma KavirDev (Kabir Parmeshwar) was present in Satlok even before the knowledge of Vedas and has also manifested himself in four ages to give his real knowledge (philosophy).
               

The Supreme God KavirDev (Kabir Parmeshwar) was present in Satlok even before the knowledge of Vedas and has also manifested himself in four ages to give his real knowledge (philosophy). In the Satyuga, Satsukrita has appeared, in Tretayuga, in the name of Muninder, in the Dwapar Yuga, in the name of Karunamayya, and in Kaliyuga, in the name of Kavir Dev (Kabir Prabhu). Apart from this, by appearing in any other form, they appear at any time and become intricate.
        

The body of God is not of the five elements composed of the sum of the nadis. One is made of noor element. Whenever the full God appears here, he never takes birth from his mother because he originates everything.

God Kabir comes in all four ages
     सतगुरु पुरुष कबीर हैं, चारों युग प्रवान
     झूठे गुरुवा मर गए, हो गए भूत मसान।।

Thursday 14 May 2020

💞संस्कार💞

 🌼मानव जीवन का मूलभूत आधार संस्कार🌼
संस्कार मनुष्य जीवन की आधार शैली है। संस्कार जीवन का अस्तित्व है जो कि जीवन के प्रारंभ से ही हमारे साथ होते हैं। मानव को सही पथ पर अग्रसर करने में संस्कार की अहम भूमिका होती है। संस्कारों के माध्यम से मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण एवं विकास होता था । जीवन के प्रत्येक चरण में संस्कार मार्ग दर्शन का काम करते थे। संस्कारों के द्वारा मनुष्य के जीवन में नैतिक गुणों का समावेश होता था। संस्कार माता-पिता तथा परिवार के सदस्यों के द्वारा बच्चों को दिए जाते हैं जो कि मनुष्य के जीवन का आधार बनते हैं। 
       
       

संस्कारो का पतन💥
आज का युग आधुनिकता का युग है, जहां तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध हो रही है लेकिन इस तकनीकी के चलते बच्चों में संस्कारों का पतन हो रहा है क्योंकि जहां तकनीकी से हमें काफी सुविधाएं मिल रही हैं वहीं दूसरी तरफ इस तकनीकी से बच्चे अपने माता-पिता का सम्मान करना भूल चुके हैं क्योंकि फिल्म को देखकर बच्चे आज नशा करना, माता-पिता से झूठ बोलना तथा कई तरह की बुराइयों को ग्रहण कर चुके हैं, इस सब का बुरा असर आज की युवा पीढ़ी पर पड़ रहा है। आज की युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति को ग्रहण करके  माता-पिता से दूरी बना ली है। संस्कारों का हनन होने से युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है। हर माता-पिता की इच्छा होती है कि उनकी संतान चरित्रवान हो लेकिन इस आधुनिक युग में युवा पीढ़ी के चरित्र का हनन हो रहा है। 


प्रत्येक माता-पिता की तमन्ना होती है कि मेरी संतान योग्य बने। समाज में बदनामी न ले। अच्छे चरित्रा वाली हो, आज्ञाकारी हो। वृद्धावस्था में हमारी सेवा करे।
आज के इस आधुनिक युग में सिर्फ संत रामपाल जी महाराज ही एक ऐसे संत हैं जिनके तत्वज्ञान के आधार पर आज की युवा पीढ़ी में सुधार हो रहा है तथा युवा पीढ़ी को अपने जीवन के मूल्य उद्देश्य का पता चल रहा है, संत रामपाल जी महाराज के बताए गए मार्ग से युवा पीढ़ी ने नशा करना, झूठ बोलना, फिल्में देखना, अश्लील गाने सुनना इन सारी बुराइयों को छोड़ दिया है।

👉 संत रामपाल जी महाराज के द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक "जीने की राह" को पढ़कर आज लाखों परिवारों का जीवन सुधर चुका है तो आप भी इस पुस्तक को जरूर पढ़ें। 
           
     
👉जीने की राह Video

Thursday 7 May 2020

💞Almighty God 💞

Almighty God Kabir appeared to many great souls and explained to them the creation of the universe, imparted the true spiritual knowledge and also took them to his place Satlok
                      

Lord Kabir himself comes and spreads his real spiritual knowledge that is Tatvagyan. Lord Kabir through poems, verses, couplets teaches his spiritual knowledge but ignorant souls do not understand. He performed miracles in front of thousands of people that are well described in Kabir Sagar. 
              

🌹Kabir is Almighty God Proof in All Holy Books🌹

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🌼Must watch on sadhna TV 7.30pm 🕢 

"नशा करता है नाश"

नशा चाहे शराब, सुल्फा, अफीम, हिरोईन आदि-आदि किसी का भी करते हो, यह आपका सर्वनाश का कारण बनेगा। नशा सर्वप्रथम तो इंसान को शैतान बनाता है। फिर शरीर का नाश करता है। शरीर के चार महत्वपूर्ण अंग हैं :- 1फेफड़े, 2.जिगर (लीवर), 3.गुर्दे (Kidney), 4 हृदय । शराब सर्वप्रथम इन चारों अंगों को खराब करती है।
                      
"गरीब, परद्वारा स्त्रा का खोलै। सत्तर जन्म अंधा हो डोलै।।1
मदिरा पीवै कड़वा पानी। सत्तर जन्म श्वान के जानी।।"2

सत्संग में बताया गया कि मानव जन्म प्राप्त करके जो
व्यक्ति शुभ कर्म नहीं करता तो उसका भविष्य नरक बन जाता है। जो नशा करता है, उसका वर्तमान तथा भविष्य दोनों नरक ही होते हैं। नशा इंसानों के लिए नहीं
है। यह तो इंसान से राक्षस बनाता है। जो व्यक्ति पूर्व जन्म के पुण्यकर्मों वाले हैं, उनको इस जन्म में उन शुभ कर्मों के प्रतिफल में अच्छी नौकरी मिली है या अच्छा
कारोबार है। यदि वर्तमान में शुभ कर्म, भक्ति व दान-धर्म नहीं करोगे तो भविष्य के जन्मों में गधा-कुत्ता, सूअर-बैल बनकर धक्के व गंद खाओगे।
     

सत्संग से मानव उद्धार होकर विश्व में शांति बढती है। 
ज्ञान से जो प्रभाव पड़ता है, वह सदा के लिए बुराई छुड़ा देता है। ज्ञान सत्संग से होता है। सत्संग सुनने की रूचि पैदा करो। सत्संग सुनो।💞
अवश्य देखें 👇 👇 
संत रामपाल जी महाराज का सत्संग 
साधना टीवी पर 7:30 p.m 🕢

Wednesday 6 May 2020

Way to live 🌼


जीने की राह 

प्राणी की जीवन की यात्रा जन्म से प्रारम्भ हो जाती है। उसकी मंजिल निर्धारित होती है।मानव (स्त्रा/पुरूष) की मंजिल मोक्ष प्राप्ति है। उसके मार्ग में पाप तथा पुण्य कर्मों के गढ्ढ़े तथा काँटे हैं। आप जी को आश्चर्य होगा कि पापकर्म तो बाधक होते हैं, पुण्य तो सुखदाई होते हैं। इनको गढ्ढे़ कहना उचित नहीं।

पाप रूपी गढ्ढ़े व काँटे - 
मानव जीवन परमात्मा की शास्त्राविधि अनुसार साधना करके मोक्ष प्राप्त करने के लिए प्राप्त होता है। पाप कर्म का कष्ट भक्ति में बाधा करता है। 

उदाहरण के लिए पाप कर्म के कारण शरीर में रोग हो जाना,
पशु धन में तथा फसल में हानि हो जाना। ऋण की वृद्धि करता है। ऋणी व्यक्ति दिन-रात चिंतित रहता है। वह भक्ति नहीं कर पाता। पूर्ण सतगुरू से दीक्षा लेने के पश्चात् परमेश्वर उस भक्त के उपरोक्त कष्ट समाप्त कर देता है। तब भक्तअ पनी भक्ति अधिक श्रद्धा से करने लगता है। परमात्मा पर विश्वास बढ़ता है, दृढ़ होता है। परंतु भक्त को परमात्मा के प्रति समर्पित होना चाहिए।रू जी आत्मा का विवाह परमात्मा से करवा देता है। यदि वह मानव शरीरधारी आत्मा अपने पति परमेश्वर के प्रति पतिव्रता की तरह समर्पित रहती है यानि पूर्ण परमात्मा के अतिरिक्त अन्य किसी देवी-देवता से मनोकामना की पूर्ति नहीं चाहती है तो उसका पति परमेश्वर उसके जीवन मार्ग में बाधक सब पाप कर्मों के काँटों को बुहार देता है। उस आत्मा की जीने की राह सुगम व बाधारहित हो जाती है। 

                         

कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि :-
कबीर, साधक के लक्षण कहूँ, रहै ज्यों पतिव्रता नारी।
कह कबीर परमात्मा को, लगै आत्मा प्यारी।।
पतिव्रता के भक्ति पथ को, आप साफ करे करतार।
आन उपासना त्याग दे, सो पतिव्रता पार।।

पुण्य भी भक्ति की राह में बाधक है :-
पूर्व जन्म के पुण्यों के कारण घर में धन होता है। सर्व सुविधाऐं होती हैं। किसी को राज पद प्राप्त होता है जो भक्ति में बाधक होता है। वह सुख उसको परमात्मा से कोसों (कईकिलोमीटर) दूर कर देता है। ऐसा सुख भी जीने की राह में रोड़ा है। परमात्मा प्राप्ति की मंजिल को दूर कर देता है।
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कबीर, सुख के माथे पत्थर पड़ो, नाम हृदय से जावै।
बलिहारी वा दुख के, जो पल-पल नाम रटावै।।🌼 

यदि धनी-राज्य पद प्राप्त सुखी व्यक्ति भी भक्ति पर लग जाए तो उसका तो कार्य बना-बनाया है, मोक्ष में कोई अड़चन नहीं है।
इसलिए पूर्ण गुरू से दीक्षा लेकर प्रत्येक स्त्रा-पुरूष, बालक (तीन वर्ष के पश्चात्) वृद्ध-युवा को भक्ति अवश्य करनी चाहिए।