Thursday 7 May 2020

"नशा करता है नाश"

नशा चाहे शराब, सुल्फा, अफीम, हिरोईन आदि-आदि किसी का भी करते हो, यह आपका सर्वनाश का कारण बनेगा। नशा सर्वप्रथम तो इंसान को शैतान बनाता है। फिर शरीर का नाश करता है। शरीर के चार महत्वपूर्ण अंग हैं :- 1फेफड़े, 2.जिगर (लीवर), 3.गुर्दे (Kidney), 4 हृदय । शराब सर्वप्रथम इन चारों अंगों को खराब करती है।
                      
"गरीब, परद्वारा स्त्रा का खोलै। सत्तर जन्म अंधा हो डोलै।।1
मदिरा पीवै कड़वा पानी। सत्तर जन्म श्वान के जानी।।"2

सत्संग में बताया गया कि मानव जन्म प्राप्त करके जो
व्यक्ति शुभ कर्म नहीं करता तो उसका भविष्य नरक बन जाता है। जो नशा करता है, उसका वर्तमान तथा भविष्य दोनों नरक ही होते हैं। नशा इंसानों के लिए नहीं
है। यह तो इंसान से राक्षस बनाता है। जो व्यक्ति पूर्व जन्म के पुण्यकर्मों वाले हैं, उनको इस जन्म में उन शुभ कर्मों के प्रतिफल में अच्छी नौकरी मिली है या अच्छा
कारोबार है। यदि वर्तमान में शुभ कर्म, भक्ति व दान-धर्म नहीं करोगे तो भविष्य के जन्मों में गधा-कुत्ता, सूअर-बैल बनकर धक्के व गंद खाओगे।
     

सत्संग से मानव उद्धार होकर विश्व में शांति बढती है। 
ज्ञान से जो प्रभाव पड़ता है, वह सदा के लिए बुराई छुड़ा देता है। ज्ञान सत्संग से होता है। सत्संग सुनने की रूचि पैदा करो। सत्संग सुनो।💞
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संत रामपाल जी महाराज का सत्संग 
साधना टीवी पर 7:30 p.m 🕢

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